Samar Singh 20 Jun 2023 गीत दुःखद अब हो किसी और के होने वाले है, और ये जमाने के रस्म भी कम दुःख नहीं दे रहे है। 4626 0 Hindi :: हिंदी
जब रचाएँ होंगे वे मेंहदी, उनकी हाथ की लकीरों से। हमारी तस्वीर नजर आयी होगी, जब लगाए होंगे आँखों में काजल, दर्द होती होगी किसी अनजान तीरों से।। और आँखों में आँसू जरूर भर आयी होगी। दिल में छुपाके हमें ले गए, जमाने के डर से एक गम ले गए। न बगावत कर सके दिवानेपन में, जहर पी के सिमट कर रह गए अपनेपन में। जब लाल जोड़े पहने होंगे, डर गए होंगे अपने तकदीरों से। तब जरूर हमारी यादों की सहर आयी होगी।। खुश रहना तुम उस अनजान दुनियाँ में, हमारा क्या जलते रहेंगे इस आग के दरियाँ में। खुशियाँ की बहारें तेरे आँगन में झूले, वो लमहे वो पल तेरे मन से भूले। जब वो बढ़ाये होंगे कदम डोली की ओर, कसम से आँखे छलक गई होंगी नीरों से। और जरूर यादों की एक बवंडर आई होगी।। रचनाकार- समर सिंह " समीर G"