संदीप कुमार सिंह 26 Apr 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 8202 0 Hindi :: हिंदी
साम्राज्य की मनसा रखना चाहिए, इसी बहाने आगे ही आगे बढ़ना है। अच्छे कर्मों का साम्राज्य बनाना है, एक पूर्ण सुखद दुनिया बनाना है। साम्राज्य जो हम यहां बनायेंगें, उसमें सब ठीक_ठाक ही चलना है। प्रेम की सैलाब जहां नित ही चलता, मतभेद का जहां नाम मात्र भी नहीं। चाहत से यहां सबकुछ संभव है, एकअद्भुत संसार का निर्माण हो। जिसे देखकर स्वर्ग के वासी भी, सोचने पर मजबूर हो जाए कैसे? एकऐसी साम्राज्य जहां आनंद हो, एकऐसी साम्राज्य जहां साहस हो। एक ऐसी साम्राज्य जहां वैभव हो, एक ऐसी साम्राज्य जहां अमन हो। एक ऐसी साम्राज्य जहां जीवन पूर्ण पावन हो, एक ऐसी साम्राज्य जहां सारे सोच साकार हो। एक ऐसी साम्राज्य जहां ज्ञान की गंगा बहती हो, एक ऐसी साम्राज्य जहां शब्दों में ही अमृत हो। एक ऐसी साम्राज्य जहां शुद्धता की आलम हो, एक ऐसी साम्राज्य जहां शान्ति प्रिय लोग हो। एक ऐसी साम्राज्य जहां बुराइयों का भान न हो, एक ऐसी साम्राज्य जहां दुःख का नाम न हो। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....