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तू भी नहीं

Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य तू भी नहीं 58197 0 Hindi :: हिंदी

जब तू था दिल में 
तो तु ही था 
अब जब तू नहीं तो 
तू भी नहीं 
जब तू था तो इश्क भी था 
प्रीत संगीत संस्कृत मीत भी 
अब जब तू नहीं तो ये सब 
पल पल हर पल छल रही 

हम बटना सा अखिया खोल के 
देखु मुहबा राउर के 
चाँद के जइसन मुखड़ा तोहर 
और कारी कारी नैन 

जब तू रहला हमर मन 
तब खूब कइला तू तंग
अब जब तू ही न तो 
केकरा संग करू रणन
कबो न हम सोचले रहली 
तू करबू हमरो से छल 
प्रीत लगा के प्रीत हटइबू 
तू अइसन अपन देखैबू ढंग
जब तू राहलु दिल में तो 
तू ही रहलू 
अब जब तू ही न तो 
केहू न

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