कुमार किशन कीर्ति 21 May 2023 कहानियाँ प्यार-महोब्बत मुसाफ़िर, शायरी,आशिक़ी 7697 0 Hindi :: हिंदी
राज बहुत ही खूबसूरत और यंग शायर था।अपनी शायरी के जरिये वह शोहरत और रुपये दोनों कमा रहा था। राज की एक प्रेमिका थी।जिसका नाम दिव्या था।दोनों एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा मोहब्बत करते थे। एक दिन की बात है।लारेंस बाग में दिव्या बेसब्री से राज का इंतजार करती रह गई,मगर वह नहीं आया। दूसरे दिन जब वह दिव्या से मिला तो वह काफी नाराज थी।"अरे बाबा,अब मान जाओ ना।कल मुझे मुशायरे में ही देर हो गई तो क्या करूँ?" दिव्या उसकी तरफ गुस्से से देखती हुई बोली"तो जाओ ना मुशायरे में ही,शायर से मोहब्बत करने की सजा मुझे मिली है।" इतना कहकर वह अपने घर जाने लगी।लेकिन, राज भी कुछ कम नहीं था। उसने जल्दी से कुछ लिखा और एक छोटे बच्चे को चॉकलेट देकर वह कागज दिव्या को देने के लिए कहा। बच्चा दौड़कर गया और कागज दे दिया। दिव्या हैरान होकर पढ़ने लगी"प्रिये दिव्या, जब तुम नाराज होती हो तब और खूबसूरत लगती हो।मैं तो बस,तुमसे ही आशिक़ी करता हूँ।यह दिल तो एक तन्हा मुसाफ़िर है और तुम मंजिल। मेरी शायरी हो तुम,मेरी नज़्म हो तुम। तुम्हारा आशिक़"। यह पढ़कर दिव्या की आँखों में आँसू आ गए।वह पीछे मुड़कर देखी तो राज खड़ा मुस्कुरा रहा था।फिर क्या था?वह दौड़कर गई और राज के माथे पर चुम्बन कर ली। उस एक चुम्बन ने सारी शिकवा को दूर कर दिया। :कुमार किशन कीर्ति