संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक लोगों के लिए प्रेरणा से भरपूर मेरी कविता जिसका शीर्षक ऊपर दिया हुआ है। 6844 0 Hindi :: हिंदी
प्यारे तारे हरि लगे, लगते तुम हो चांद। दिव्य सितारे आप ही,होते कभी न मांद।। सदा सहारे आप प्रभु,अभिलाषा भी आप। मंजिल भी हो आप ही, करूं आपका जाप।। आस सभी के आप हो,आप जगत के प्राण। जो चाहें सो प्रभु करें, सबका करते त्रान।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....