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Divya Kumari 06 May 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत 1862 0 Hindi :: हिंदी

तुम्हें देखने को आँखें मेरी हर रोज तरसती हैं
तुम्हारे नाम से ही ये दिल हर रोज धरकति हैं
तुम्हारे आँखों में डूब जाने को
तुझपे मर मिट जाने को
दिल मेरा ये कहता हैं
तुमसे मिलने को ये आँखें हर रोज तरसता हैं.

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