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मेरा दिल है। रोया किसी ने नहीं देखा

Vikram Bahadur 08 May 2024 कविताएँ दुःखद 3473 0 Hindi :: हिंदी

मेरा दिल है। रोया किसी ने नहीं देखा
आँखे है। नम 
लिए इस दिल पर कई जख्म 
इन जख्मो को 
मैंने वक़्त के आगे  
धीरे-धीरे भरते हुए है देखा 
मेरा दिल है। रोया किसी ने नहीं देखा
दिया अपनों ने धोखा 
इन धोखो में 
मैंने भरोसे को उड़ते है। देखा 
मेरा दिल है। रोया किसी ने नहीं देखा
थी। गरीबी जिन्दगी में 
इस में दरियादिली को 
किसी ने नहीं देखा 
उड़ाते है। मजाक इस गरीबी का 
लोगों ने इसमें संघर्ष को 
किसी ने नहीं देखा 
मेरा दिल है। रोया किसी ने नहीं देखा
लूट जाता है। प्यार पैसे के बाजार में 
इस बाजार में 
खुद मैंने प्यार को लुटते है। देखा 
मेरा दिल है। रोया किसी ने नहीं देखा
लटक जाते है। बेकसूर मोहब्बत 
पैसे वाले के आगे 
इन पैसे वाले के आगे 
मैंने सच्ची मोहब्बत को तार-तार होते देखा 
मेरा दिल है। रोया किसी ने नहीं देखा
आयी लाख मुसीबत जिन्दगी में 
मैंने मुसीबत को खुद से दो-चार होते देखा 
मेरा दिल है। रोया किसी ने नहीं देखा
डगमगाये है। पैर इन हालातों में 
पर पैर की धीमी-धीमी रफ़्तार को मैंने देखा 
मेरा दिल है। रोया किसी ने नहीं देखा

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