Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

बदल गये हो तुम

Bholenath sharma 09 May 2024 कविताएँ समाजिक बदल गये हो तुम । 1832 0 Hindi :: हिंदी

तुम बदल गये हो , हाँ यार                       या शहर के तुम हो गये हो                        बस गये हो तुम जहाँ पर                         या वही के तुम  गये हो                           
                                                   बदल गये है ठाठ तेरे                                  बदल गये है भाव तेरे                             बदल गये पहनाव तेरे                             बदल गये रहाव तेरे                                     
                                                   बदल गये श्रृंगार तेरे                               बदल गये है यार तेरे                              बदल गये है  रूप तेरे                                      बदल गये क्या प्यार तेरे

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: