संदीप कुमार सिंह 03 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6373 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) अच्छा बोने से रहे,अदभुत सब तारीख। जो बोया सो काट ले,अब ले ले कुछ सीख।। जो बोया सो काट ले,खुद को खुद से पूछ। नए काम फिर से दिखा,हो जग कभी न छूछ।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....