नवीनतम दुःखद रचनाएँ
पीने दे
Vipin Bansal
मत रोक मुझे तू पीने दे
कुछ दिन और जीने दे.
मत रोक मुझे तू पीने दे.
इतनी पिला दे मु
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तुलसी
Ajeet
रिश्तों के धागे में
मैं बंधा,
बहती हुई नदियों की तरह
मन बह रहा
तुलसी तुम से मिले बिना
चाचा का अब रिश्ता टूटा सा
ल
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नशा
Ajeet
रिश्ते टूट जाते हे
नशा कर जाने से
जमीरें बिक जाते हे
नशा कर जाने से,
अपने बिछड़ जाते हे
औरों के मिल जाने से
नशा मत क
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नशा करने के बाद
Ajeet
जिन्दगी खराब हो जाती हे
नशा करने के बाद,
अपने रूठ जाते हे
जिन्दगी के साथ,
नशा मत करना प्यारे
उम्मीदें टूट जाती हे
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रिश्तेदार
Krishan kumar
आधे से ज्यादा रिश्तेदार धोखेबाज होते है,
चहरे पर उनके नकाब होते है,
मुसीबत मैं ही रिश्तेदारों के पहचान होते है
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