नवीनतम राजनितिक रचनाएँ
यह देश सुधरने वाला है...!
MAHESH
स्वरचित रचना- यह देश सुधरने वाला है?
संदर्भ--- राजनीतिक व्यय
यह देश सुधरने वाला है?-2
जहां नीचे से लै ऊपर तक, सब घूस पै
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खलील की उल्झन
Abhay singh
Jaisa ki hota aaya hai is bar bhi Vikram Raat ki khamoshi mein apni motorcycle chalaye ja raha tha aur betal uski peeth per baitha tha hamesha ki tarah is bar bhi yah sochkar ki kahin Vikram ko nind na a jaaye betal ne kahani sunana shuru kar diya kahani kuchh is prakar thi beroj Shahar mein Khalil
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(गटबन्धन)
Mohammed fejaan
दिनाका - (05)/12/2022)
(गटबन्धन)
शाईरी सोमवार
| शायार-लेख, मोहम्मद फैजान सिद्धिकी:
पिता रईस अहमद सिद्धिकी.
जब दो दिल- आपास
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ग़ज़ब
Vipin Bansal
कविता - ( ग़ज़ब )
नेता जी की देखो !
क्या ग़ज़ब की बात !!
जीतने से पहले सेवक !
जीतते ही सरताज !!
नेता जी की देखो !
क्या ग़ज़
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गरीब
Mohammed fejaan
दिनाक-(29-11-2022)'' शायार लेख-(मोहम्मद फैजान सिद्दिकी पिता- रईस अहमद सिद्दीकी। )
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आइए महसूस करिए
Saurabh Sonkar
आइए महसूस करिए,
जिंदगी के ताप को,
शाप को अभिशाप को,
समाज के प्रतिकार को,
जी रहें हैं द्वंद्व को,
प्रतिद्वंद के एहसा
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सरकारी योजना
Vipin Bansal
कविता - ( सरकारी योजना )
मुद्दतों बाद बनी !
बनते ही खोदना !
बाद का काम पहले !
पहले का बाद पर छोड़ना !
फिर नए सिरे से !
उन सड़
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