नवीनतम प्यार-महोब्बत रचनाएँ
कोशिश
Raj Ashok singh
कोशिश ,कर - ए दिल,,,
कोशिशों से हारना नहीं ।
ओहो हु ,,,,
किसी का प्यार मिले, तो किस्मत
वरना । यहां जाना क्या है।
वक्त रहते
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गजब
Raj Ashok singh
क्या ? जिस्म जुदाँ होगे ।
क्या ? रंग जुदाँ होगे ।
मुहोबत , मे तो
हम ,संग- संग ....
एक दुजें के संग जुदाँ होगे ।
हु हु ओहों,,,,,
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तेरी साँसो से
Swami Ganganiya
तेरी सासों से गुजरू हवा बनके
तेरे जहन से उतरू में नशा बनके
तुझे जब भी किसी चीज की जरूरत हो
मैं आऊ हमेशा तेरी जरूरत ब
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पापा
Kakali Mazumder
जिस ने उन्गली पकड़ कर चलना सिखाया
जिस के गोदी मैं उठ कर सारा धुनिया घूमा
वोही है मेरे पापा
जिस हाट को पकड़ कर दुनिय
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परछाई
Vipin Bansal
गीत = ( परछाई )
तू तो थी मेरी परछाई !
दुनियाँ मेरी क्यों है जलाई !!
वफ़ा के बदले बेवफ़ाई !
कैसे हो गई तू हरजाई !!
तू तो थी म
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जिक्र
Raj Ashok singh
हम,भी
काश ,पसंद होते उनकी ,
योहि कोई बेजार शौक नहीं ।
चन्द पलो, मे ना उ़डने़
घुँआ बन के
रहते जेब मे उनकी ,कोई
एक आदत ब
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आप विशेष
Kakali Mazumder
आप विशेष
यह लगभग एक दिन है!
अचानक आपको यह अच्छा लगने लगा!
लेकिन उस दिन हम किसी को नहीं जानते थे!
शायद यहीं से तुम्हा
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