Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम #नमन 15381 0 Hindi :: हिंदी
दिलों में ग़म, आँखे हैं नम ! तुम्हारी खुशबू से महका वतन ! छोड़कर हमको ओ जाने वालों ! तुमको नमन - तुमको नमन ! तुमको नमन - तुमको नमन ! राष्ट्र ध्वज की पहचान तुम ! इस तिरंगे का मान तुम ! इस तिरंगे की शान तुम ! मेरे हिन्द की जान तुम ! मेरे हिन्द का अभिमान तुम ! काल के मिटाए न मिटे ! ऐसी अमिट पहचान तुम ! काल घर भी अब होंगे रौशन ! मेरे हिन्द का आफ़ताब तुम ! कभी न भूल पाएंगे हम ! हिन्द के तुम थे नयन ! छोड़कर हमको ओ जाने वालों ! तुमको नमन - तुमको नमन ! तुमको नमन - तुमको नमन ! रगों में दौड़ते उस रक्त को मेरा नमन ! जिससे सींचा तुमने मेरा प्यारा ये वतन ! उस कोक को मेरा नमन ! जिससे लिया तुमने जन्म ! बहना की राखी को नमन ! भाई की बाज़ू को नमन ! पिता के इंतजार में बैठी ! उन आँखो को मेरा नमन ! मांग के सिंदूर से ! रंग दिया जिसने वतन ! कुरबान कर दी सारी खुशियाँ ! उस त्याग को मेरा नमन ! लूट गए श्रृंगार सभी ! उस सूनी माँग को मेरा नमन ! पंच तत्व में जो हुई विलीन ! उस देह की खाक को मेरा नमन ! छोड़कर हमको ओ जाने वालों ! तुमको नमन - तुमको नमन ! तुमको नमन - तुमको नमन ! वीरता की छाप तुम्हारी ! कभी न मिटने पाएगी ! शौर्य की गाथा तुम्हारी ! नस्ले नई दोहराएंगी ! तुम्हारे पद चिन्हों पर चलकर ! नया भारत बनाएंगी ! काल की छाती पर चढ़कर ! सूरज नया उगाएंगी ! जो सपन देखे थे तुमने ! उसे जमीं पर लाएंगी ! तुम्हारे सपनों को जिएंगे हम ! हकीकत में बदलेंगे सारे सपन ! छोड़कर हमको ओ जाने वालों ! तुमको नमन - तुमको नमन ! तुमको नमन - तुमको नमन ! विपिन बंसल