Ranjana sharma 30 Mar 2023 शायरी समाजिक Google 84535 0 Hindi :: हिंदी
रिश्तों की डोर से बंध कर रह जातें हैं वे सभी जो जख्म खा के भी मुस्कुराते हैं और उफ़ न निकलती उनके मुंह से कभी। धन्यवाद
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Myself Ranjana Sharma.I live in Bhubaneswar,(Orrisa)....