Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 शायरी हास्य-व्यंग कमाल कर रही थी 16834 0 Hindi :: हिंदी
वादियो ने छेड़ दिया है राग हवा ने छेड़ दिया है साज आसमां में लहराती तेरी जुल्फ मेघ को सजाती लग रही थी आज तेरी बलखाती जुल्फे कमाल कर रही थी दिशाओ को जैसे कुछ दर्शा रही थी वैसे तो इन्ही जुल्फो के साये में देखा है खुद को पर ये क्या पानी की जगह आग बरसा रही थी