Raj Ashok 30 Mar 2023 शायरी दुःखद 2261 0 Hindi :: हिंदी
जख्मो कि एक शाम, सुबह से ही हो रहे थे, बदनाम । देखा थी सब की नजर मे नफ़रत गुनाह, क्या हुआ, कुछ मालूम नहीं । बस , हर कोई ,हवा सा बह रहा था। इसने अच्छा नहीं किया ,कह रहा था।
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Nice...