Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

ना जाने क्यों वो पगली देख मुझे मंद मंद हंसती थी

Jyoti yadav 19 May 2023 गीत प्यार-महोब्बत #देख मुझे हसती थी # 8504 0 Hindi :: हिंदी

एक मासूम सी लड़की खोई खोई सी रहती थी,
ना जाने क्यों वो पगली देख मुझे मंद मंद हंसती थी
महलों में रहने वाली वो खिड़की से तकती थी
ना जाने क्यों वो पगली देख मुझे मंद मंद हंसती थी

नाज़ुक सी वो कली फूलों सी खिलती थी

मासूम सा चेहरा परी सी लगती थी

इशारों इशारों में कुछ कहती थीं

बातों में शराफत आंखों में शरारत रहती थी

ना जाने क्यों वो पगली देख मुझे मंद मंद हंसती थी

कहीं कभी गोलीयों से मेरे वो गुजरती थी

गीत गुनगुनाती थी ध्यान मेरा अपनी तरफ खींच लेती थी
चुरा लेगी मुझे वो जमाने से कहती थी

ना जाने क्यों वो पगली देख मुझे मंद मंद हंसती थी

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

ये खुदा बता तूने क्या सितम कर दिया मेरे दिल को तूने किसी के बस मैं कर दिया वो रहा तो नहीं एक पल भी आकर टुकडें- टुकड़ें कर दिये ना विश्वा read more >>
Join Us: