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मेहमान-बिन बुलाएं मेहमानों से बचाएं अपनी जान

राकेश 05 Oct 2023 कविताएँ समाजिक मेहमान 14532 0 Hindi :: हिंदी

बिन बुलाएं मेहमानों से बचाएं अपनी जान, मृत्यु बीमारी कर्ज़ा चिंता दुश्मनी बेरोजगारी गरीबी आदि है इनका नाम।

ऊपर वाले का सुबह शाम नहीं पूरे दिन ले नाम, इंसान नहीं वह ही बचा सकता है आपके प्राण, उसने ही किया है सृष्टि रचने का अजूबा महान काम, उसकी शरण में जो रहेगा उसकी बचेगी जान।

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