Manju 18 May 2023 कविताएँ समाजिक मैंने सिखा है 7502 0 Hindi :: हिंदी
मैंने सिखा है गिरकर भी संभलना संभल कर फिर से चलना डर से निकलना,निडर हो कर चलना मैंने सिखा है मैंने सिखा है, हार कर निराश न होना जीत के लिए फिर से कोशिश करना रोते को हंसाना,हंसा कर गले लगाना मैंने सिखा है मैंने सिखा है मेहनत से कमाना सोच समझ कर लगाना लगा कर कभी ना पछताना मैंने सिखा है मैंने सिखा है फूलों सा हंसना कांटों में भी खिलना सबसे मिलकर चलना मैंने सिखा है, मैंने सिखा है