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यूं हीं चलता गुज़र जाता ज़िंदगी....

मोती लाल साहु 04 May 2023 शायरी समाजिक यूं हीं चलता गुज़र जाता ज़िंदगी, सफ़र की अहमियत हो गर जरा- तो ऐसा ना कोई संत ना सद्ग्रंथ धारा में जो ना गाया हो यह नगमा खुदा खुद के अंदर, " गर रजा हो तेरी तो काहे की देरी " 4669 0 Hindi :: हिंदी

यूं हीं चलता-
गुज़र जाता ज़िंदगी

सफ़र की-
अहमियत हो गर ज़रा 

तो जनाब-
दिल में हाथ रख जरा

ऐसा ना-
कोई संत ना सद्ग्रंथ

धरा में जो-
ना गाया हो यह नगमा 

खुदा-खुद के अंदर गर-
रजा हो तेरी तो काहे की देरी
-मोती भी

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