Shakuntala Sharma 30 Mar 2023 शायरी दुःखद # कौन कहता। है कि# विरह की अग्नि में# राह तकते# 38102 0 Hindi :: हिंदी
कौन कहता है कि हम एक ही मरते है। अपने को खोकर . देखो हम कितना तड़पते है ॥ विरह की अग्नि मे जलते हैं और आहे भरते है । खामोश हर दर्द को सह कर गिरते और उनते हैं।। हवाओं में उसी के बदन की महक को तलाशते है। आंखो नम और होठो को खामोश कर लेते हैं। ॥ राह तकते हुए हम तन्हाईयो का ऑचल ओढते है उसी के नाम पर सारा जीवन हम बसर करते है।। """""""""""""" शकुन्तला शर्मा ॥
I am a teacher and a housewife. My Education M.A.My hobby is reading, teaching, writing etc. I am al...