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मां की ममता

Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ प्यार-महोब्बत Google 76154 0 Hindi :: हिंदी

एक अमीर घर की लड़की संध्या को एक मिडिल क्लास के लड़के योगेश से प्रेम हो जाती और वह उस लड़के से शादी करना चाहती है जबकि लड़की के मां- बाप इस शादी के खिलाफ थें यहां तक की लड़का भी उसे मना कर देता है क्योंकि वह एक अमीर घर की लड़की थी और उसके घर में वह एडजस्ट नहीं हो पाती, पर संध्या नहीं मानती चूंकि योगेश भी उससे प्यार करता था इसलिए वह उसे तकलीफ नहीं देना चाहता और वे दोनों एक मंदिर में जाकर शादी कर लेते।सबकुछ ठीक चल रही थी,देखते - देखते उसका एक बच्चा भी हो जाता।एक दिन संध्या अपने पति योगेश को कुछ समान लाने बोलती है उसका पति सर हिलाकर चला जाता।शाम को जब उसका पति घर आता है तो संध्या उससे अपना समान मांगती है पर वह कहता है कि उसके पास पैसा नहीं था इसलिए वह नहीं ला पाया और संध्या नाराज़ हो जाती ,दोनों में फिर बहस होने लगती जिसके कारण संध्या को गुस्सा आ जाती और वह अपने मां - बाप के घर चली जाती । वहां उसके मां - बाप पहले तो उसे बहुत सुनाते फिर उसे अपने पास रख लेते और संध्या से कहते देख संध्या अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है तुम कहोगी तो हम तुम्हारा तलाक करवा देगें और तुम्हारी शादी अच्छे घर में कर देगें जहां तुम राज करोगी।संध्या भी गुस्से में अपने मां- बाप को तलाक के लिए हां कर देती।दोनों का वकील दोनों को कोर्ट बुलाते हैं,दोनों से जज पूछते तुम दोनों क्यों तलाक लेना चाहते हो, तब लड़का कहता मुझे तलाक नहीं चाहिए उसे चाहिए तब लड़की बोलती हां - हां मुझे चाहिए क्योंकि मुझसे अब बर्दाश नहीं हो रही हर बात में कॉम्प्रोमाइज करके चलना मेरे लिए मुश्किल होती जा रही फिर जज कहते कि इस बच्चे का क्या होगा,इसे कोन पालेगा,इसका कोन ध्यान रखेगा तब संध्या कहती कि इसे इसके पापा रखेंगे मैं इसे नहीं पाल सकती ये बात सुन पता नहीं बच्चे को क्या हो जाता वह जोर- जोर से रोने लगता उसका रोना देख संध्या का दिल पिघलने लगता वह संध्या के तरफ हाथ बढ़ाने लगता पर संध्या मुंह फेर लेती लेकिन वह बच्चा का रोना बंद नहीं होता वह रोते- रोते दो बार मां शब्द बोल चुप हो जाता यह सुन संध्या झट से अपने बच्चे को गोद में ले लेती और उसे बहुत प्यार करती और उसे अपने गले से लगा रोने लगती ।फिर जज पूछते तुम दोनों का क्या फैसला है बताओ क्या तुम्हें अब भी तलाक चाहिए तब योगेश हां कह देता पर इस बार संध्या चुप रहती।जज जैसे ही अपना फैसला सुनाने के लिए कुछ बोल पाते संध्या जोर से चिल्लाती नहीं मुझे तलाक नहीं चाहिए मैं अपने पति और बच्चे के साथ रहना चाहती हूं और बच्चे को गोद में पकड़ रोने लगती और योगेश से माफी  भी मांगती योगेश भी उससे माफी मांगता जो उसने उसके साथ बुरा बर्ताव किया था।अब दोनों अपने बच्चे को लेकर खुशी- खुशी घर चले जाते और संध्या के मां - बाप भी अपने बेटी की खुशी में खुश हो जाते।
                          धन्यवाद

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