Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य विचार 25334 0 Hindi :: हिंदी
विचार रेत से दीवार बनता नही खंडहर कभी संवरता नही टूट जाते है सभी रिस्ते जो यह एक बनता नही खुश्बू हमेशा रहती नही काँटे कभी महकते नही हवाओं से तेज भागने वाला मन कभी एक जगह ठहरता नही तू कहे तो चाँद के रास्ता नदी को वहना रोक दू तू कहे तो आशमा क्या धरती को भी ओढ़ लू तू कहे तो अम्वर क्या पर्वत को भी नोच लू तू कहे तो झरना क्या समन्दर को भी सोख लू