Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक राजनीतिक समसामयिक 34509 0 Hindi :: हिंदी
#समसामयिक ** वादा-खिलाफी ** हाथ में, गंगा जल को लेकर, बंद करने का, वादा को कर, यह चीज खराब । सत्ता की सरकार दुकान में हो या हो घर पर, बेच रही शराब ।। कारण इसके चलते घर-घर में कलह , ना कोई सामंजस्य ना कोई सुलह । खोते रिश्ते-नाते, बिखरते परिवार , टूटते घर, जाने क्या-क्या तमाशा... दिखाता यह जहर ! अभी अभी तो , हुई एक घटना, पांचों का, बेदर्दी से कटना । हुए है अभी और भी होंगे... ना कोई संवेदनाएं ना कोई चेतना ।। मेरे गढ़ की , भोली जनता सब देख , रही है जनाब । सत्ता की सरकार, बंद करने का वादा करके, बेच रही शराब ।। चिंता नेताम "मन" डोंगरगांव (छत्तीसगढ)