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उठो धरा के वीर सपूतों

Ambuj Pandey(Aru) 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक # राजनीती की कविता,#वीर रस की कविताएं,#देश की कविता 87300 0 Hindi :: हिंदी

बहुत हुआ स्वागत सम्मान अब आवाज उठानी है
गलत नही हो सत्ता का उपयोग हमने मन मे  ठानी है।।
जागो हे नौजावानों रड़ सजाओं और निश्चय करो
पराजित करो सत्ताधीशों को और अपनी विजय सुनिश्चित करो।।
सत्ता के मद मे जो मतवाले हैं उनकी चेतना सोई है
दुख़ सारे भुगत रहा हिंद और हिंद विरासत खोई है।।
लोकतंत्र की हितकारी जनता इनको सबक सिखाएगी
मद अंधे जो सत्ता के लोलुप उनको सत्ता से दूर भगाएगी।।
सब संकल्पित हो हमें दुनिया मे हिंद का परचम लहराना है
जागृत करो स्मरण चेतना हमें हिंद शेर कहलाना है।।
                                 धनयवाद्
                     Ambuj Pandey(aru)

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