Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #उड़ान 22874 0 Hindi :: हिंदी
उम्र के आख़िरी पड़ाव पर मुझे मिली पहचान है ! कोंई कहता कवि कोंई समझता शायर हम घर के कवि घर के ही शायर यह तुम्हारी मोहब्बतों की उड़ान है ! यह तुम्हारी मोहब्बतों की उड़ान है ! शब्दों के सांचों में दर्द को ढ़ाला है ! रचनाओं की ज़मीं पर अश्कों को पाला है ! ढहती दीवार के साए में मेरी रचनाओं का ये मकान है ! कुछ नहीं मेरी जिंदगी, बेजार है ! अब कहाँ बची इतनी जान है ! तुम्हारी हौसला अफजाई मेरी उड़ान है ! यह तुम्हारी मोहब्बतों की उड़ान है ! गम, अश्क, दर्द मेरी पहचान है ! कलम ही हमदम, कलम ही यार है ! मुफ़लिसी में गुजारे दिन मैंने लेखनि की दौलत बेशुमार है ! इस फकीर की झोली में यारों तुम्हारा ही प्यार है ! तुमसे मिले हौसलों की ये उड़ान है ! यह तुम्हारी मोहब्बतों की उड़ान है ! विपिन बंसल