Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

स्वगॆ सी प्यार

Suraj pandit 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य My mother 39726 0 Hindi :: हिंदी

न मिला वह कंधा,
बैठ दुनिया देखने की।
न वह अंगुली,
पकड़ गलियां घुमने की।
न मिला स्नेह उसका
गलतियों में राह दिखाने की ।
कह गए बिच राह,
छोड़ अंगुलियां घुमने की ।
कंधा वह न मिला,
मिली ममता से भरी प्यार ।
हर पल सवारी मुझको,
अंगुली पकड़ कर चलना सिखाई,
हर राह की पहचान करने,
स्नेह की राह दिखाई मुझको।
हर वह जरुरत को दिल से लगाई ,
दुनिया मेरी मुठ्ठी मे यह बात बताई मुझको।
नेक वह रास्ता, नेक बनने की,
हर पल सिखाती, दुनिया में प्रकाश देना सबको।
न मिला कंधा, मिली वह स्वर्ग सी प्यार।
दुख की नाव में बैठ
कमल मे पाला मुझको।
नमन है मेरी माँ को,
जिसने काबिल बनाया मुझको ।
                                 ----सूरज पंडित

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: