Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य सोच 169820 0 Hindi :: हिंदी
सोच बचपना जीने नहीं देता जवानी रूकने नहीं देता ठोकर संभलने का मौका नहीं देता ग़म अपनाया नहीं जाता खुशी ठुकराई नहीं जाती बिना जरूरत के कोई कुछ करता नहीं पर भूख रूकने नहीं देता जवानी चार दिन की बुढ़ापा ढलता नही आँसू पिया नहीं जाता , जवानी गंवाई नहीं जाती जीवन से बढ़कर कुछ होता नही शीश हर जगह झुकाई नहीं जाती