Shubhashini singh 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक Google /Yahoo/Bing /instagram/Facebook/twitter 34551 0 Hindi :: हिंदी
साफ़ साफ़ कह दो हमारे देश के हालात बदले वाले नहीं साफ साफ कह दो क्यों इतना घुमाते हो क्यों अपनी रणनीति में हमें फसते हो क्यों झूठे वादे करते हो क्यों जो कर नहीं सकते उसकी आश दिलाते हो जब तुमको अपना ही जेब गरम करना है तो औरो को क्यों इस कदर तड़पाते हो क्यों इतनी महगांई बढ़ते हो क्यों झूठे सपने दिखाते हो क्यों गरीबों का जीना दुश्वार किए हो क्यों अमीरों की नीद उड़ाए हो.... सुभाषिनी सिंह