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*राष्ट्रधर्म *

akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम राष्ट्रधर्म 12753 0 Hindi :: हिंदी

संविधान की रक्षा हेतु ,हमें सजग हो जाना है |
देश की नई युवा पीढ़ी को,  एकजुट हो जाना है ||
जाति धर्म के भेदभाव को ,जड़ से हमें मिटाना है |
राष्ट्रप्रेम ही राष्ट्रधर्म है ,सबको  ये समझाना है  ||
देशद्रोही नेताओं को अब ,हमको सबक सिखाना है |
जो सत्ता की कुर्सी पाने,जनता को बहकाते है ||
देश की भोली जनता में ,नफरत का जहर फैलाते है |
सत्ता इनको मिल न पाये , ऐसी अलख जगाना है ||
गुणगान दुश्मन का गाते ,अन्न यहाँ का खाते हैं |
भारत में परिवार पल रहा, भजन वहाँ के गाते हैं ||
भाई चारा का पाठ पढाकर,इनको ये समझाना है |
शांति से रहकर भारत में ,वंदे मातरम  गाना है  |||
राजनीति के विवादों के ,अब मतभेद भुलाना है  |
देश विरोधी विचारों को ,जड़ से हमें मिटाना है ||
संविधान की रक्षा का अब ,घर घर दीप जलाना है |
स्वर्णिम भारत की छवि का ,झंडा अब फहराना है  ||
शांति प्रेम और देशभक्ति का ,गीत हमें अब गाना है |
पूरे विश्व में तिरंगे की ,शान को हमें बढ़ाना  है  ||

रचियता --अखिलेश श्रीवास्तव 
 

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