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राजनेता

Santosh kumar koli 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक राजनेता 18157 0 Hindi :: हिंदी

यह भारत का राजनेता,
देना कुछ सीखा नहीं, बस लेता ही लेता।
यह भारत का राजनेता।
झूठा करता वादा,
देता आश्वासन के छींटे।
सब्ज़ बाग़ दिखा,
सभा में वचन बोलता मीठे।
इनको देख बहुरूपिया भी,
शर्म से सिर पीटे।
मीठी गोली फेंके,
चिपके जनता रुपी चींटें।
हर गांव में, अपने चमचे सेता।
यह भारत का राजनेता।
यूरिया का नाश्ता,
तेल पी लेता नहीं डकार।
गोला बारूद की फांकी,
इसको आए नहीं बुखार।
पशु चारा चर-चरकर,
हो रहा पशु गरियार।
विचित्र मशीन है इसका पेट।
सबका नोट बनाता बेशुमार।
शहीदों को श्रद्धांजलि, ताबूत घोटाला देता।
यह भारत का राजनेता।
जुमलों से, चाहे हमलों से,
बस मिलते रहे वोट।
जन्म- जन्म तक सालती,
कुर्सी से गिरने की चोट।
राजनीति करता है,
मंदिर-मसजिद की ओट।
चमन बेच अमन बेच दे,
देश के कफ़न खसोट।
माल्या, अडानी का, परम चहेता।
यह भारत का राजनेता।
जितना बड़ा गुंडा,
उतना बड़ा नेता कहलाता है।
सज्जन व्यक्ति तो,
नेता नाम से भी घबराता है।
लम्बे अनुभव की ज़रूरत,
सही नेता, एक दिन में कहां बन पाता है।
आजकल का नेता तो,
मां के पेट में बनके आता है।
सही नेता तो, देश विकास नौका को खेता।
यह भारत का राजनेता।
देना कुछ सीखा नहीं, बस लेता ही लेता।
यह भारत का राजनेता।

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