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"राग दीपक"

मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक राग दीपक में संपूर्ण ब्रह्मांड की सबसे बड़ी शक्ति ज्ञान की ज्योति साक्षात होती है, मां सरस्वती स्वयं कंठ में विराजतीं हैं। सातों सुर सम्मिलित एक साथ स्वर से प्रस्फुटित होते हैं, कहां जाता है इसके आखिरी गायक सुर सम्राट तानसेन हीं थे,फिर किसी ने नहीं गाया या गाने की हिम्मत नहीं हुई अभी यह लुप्त प्राय सा है? 9057 0 Hindi :: हिंदी

अलंकृत कर रिद्धि-सिद्धि,
चहकें राग रागिन।
जगीं निशा हर सिंगार,
दरबार मनभावन।।

मांँ सरस्वती की-कृपा,
समाई ह्रदय-कमल।
प्रस्फुटित कंठे सप्तक,
सा,रे,ग,म,प,ध,नि-सब।।

चक्रधारी कृपा सुदर्शन,
चक्रेश ऊर्जा-ज्योत।                       
रागों में राग दीपक,
दीप उठ-जग जगमग।।
मोती-

                                                    
 
                            

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