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पूस की बरसात

Ajeet 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य पूस की बरसात 14138 0 Hindi :: हिंदी

चली आई मेरे आँगन में
नंगे पाँव सूरज की पीली धूप/

उस आँगन को सुखाने 
जिसे निल्हा दिया था
पूस की बरसात ने,

चली आई मेरे आँगन में
नंगे पाँव सूरज की पीली धूप/

बरसती बूंदों ने
बरसते ओलो ने
मचाया वशूधा में सोर, बहा दिया था 
आँगन की मिट्टी को
पूस की बरसात ने,

चली आई मेरे आँगन में
नंगे पाँव सूरज की पीली धूप/

उस आँगन को सुखाने 
जिसमे खेला था बचपन ,
उन फूलों को जगाने
जिन्हे सुला दिया था
पूस की बरसात ने,

चली आई मेरे आँगन में
नंगे पाँव सूरज की पीली धूप/

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