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पतझड़ की शाम

Ajeet 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 12909 1 1 Hindi :: हिंदी

मन डूबा मेरा पतझड़ की 
       शाम में
दिल डूबा मेरा पतझड़ की 
       शाम में/
करूँ गुडगान तुम्हारा पतझड़ 
    कलरव की आन में
करूँ स्मरण तुम्हारा पतझड़ 
   अम्बर की शान में,
मन डूबा मेरा पतझड़ की 
       शाम में
दिल डूबा मेरा पतझड़ की 
       शाम में/
करूँ निर्माण तुम्हारा पतझड़
      दिनकर की औट में
करूँ निर्माण तुम्हारा पतझड़
      पत्थर की चोट में,
मिला अगर कोई संदेश तुम्हारा
जाकर कह दुंगा वशुधा के
      कान में,
मन डूबा मेरा पतझड़ की 
       शाम में
दिल डूबा मेरा पतझड़ की 
       शाम में/
    लेखक - अजीत

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रजनीश राज
रजनीश राज fantastik

1 year ago

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