Anjani pandey (sahab) 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य ###बुनते सपने नए साल के## 16899 0 Hindi :: हिंदी
"नए साल में नई पहेली सपनो की" फिर नया साल आया रिश्तों की टूटी डोर को मजबूत बनाने आया जो छोड़ गए जाने दो जो आ रहे आने दो बहुत मुश्किल से तुमको अपनाया फिर नया साल आया.... कुछ बिखरे सपनो को समेट कर आगे बढ़ो खुद पर काम करो फिर जमाने से लड़ो जो बिखर गई थी खुशियां वापस लेकर आया फिर नया साल आया.. न कोई दुश्मन हो न रंजिश बोने का शौक है गर झुकने से बच जाए रिश्ते बेशक झुकने में मौज है अब कहा रिश्तों में गर्मी है मौसम छोड़ने का आया है कभी दिन दुख के कभी खुशी का आया है फिर नया साल आया है..... अंजनी पांडेय (साहब)