Anjani pandey (sahab) 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य ###मंजिल की राह में# 15161 0 Hindi :: हिंदी
शीर्षक " मंजिल की राह में" हम निकले तो धूप हुई पांव लगे जलने मेरे रात काली डरावनी ठंड से भरी शीतो वाले सवेरे। कुछ बुनने को, कुछ सुनने को कुछ रास्ते अभी है चुनने को पांव लगे पड़ने मेरे डगमग से लगता है मंजिल पास है मैं कर सकता हू हां मुझे विश्वास है।। अंजनी पांडेय (साहब)