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मैं समय हूँ

Anany shukla 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मैं समय हूँ किसी का भी नहीं हूँ 96600 0 Hindi :: हिंदी

मैं समय हूंँ।
मैं हूं सबके पास, पर किसी का भी नहीं हूंँ
मैं समय हूंँ।
मैं वही हूंँ, जिसने राजा को बनवास दिला डाला
मैं वही हूंँ, जिसने महाभारत का युद्ध करा डाला
नहीं कोई है ऐसी जगह, जहां मैं नहीं हूंँ
मैं समय हूंँ।
न जाने कितनों के मैंने आदि अंत देखे हैं
न जाने कितने अमीरों को रंक बनते देखे है
नहीं हूं मैं स्थिर, पर अनिश्चित भी नहीं हूं
मैं समय हूंँ।
ना मेरा कोई अपना है ना कोई है पराया
जिसने जैसा किया मैंने वैसा रिश्ता निभाया
नहीं हूं मैं बैरी किसी का, पर मित्र भी नहीं हूंँ
मैं समय हूंँ।
कहीं दुखों का पहाड़ देता हूंँ,
तो कहीं खुशियों की सौगात देता हूंँ
जिसने जैसा किया वैसा उपहार देता हूंँ
लेता हूं परीक्षा, पर निष्ठुर नहीं हूँ
मैं समय हूंँ।

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