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महात्मा गांधी

पंकज कुमार 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम #gandhijayanti#aajtak 94011 0 Hindi :: हिंदी

" महात्मा गाँधी "

दो अक्टूबर जन्म दिवस है,
दो अक्टूबर जन्म दिवस है,
महात्मा गाँधी महान की,
राष्ट्र पर्व भारत का यह दिन,
राष्ट्र पर्व भारत का यह दिन,
करती बखान उस प्राण की ।।


पोरबन्दर में पुतली माता, ने
एक वीर को सृजित किया,
वह बालक एक दिव्य पुरुष बन,
वह बालक एक दिव्य पुरुष बन,
अहिंसा का संदेश दिया ।।


सत्य अहिंसा के पथ पर,
जीवन को संधान किया ।
रघुपति राघव मंत्र बन गया,
सत्याग्रह का ज्ञान दिया ।।


चंपारण से की शुरुआत,
खिलाफत में कूद पड़े ।
हिंदू मुस्लिम साथ हो गए,
असहयोग का ध्यान धरे,
असहयोग का ध्यान धरे।।


असहयोग न सफल हो सका,
असहयोग न सफल हो सका,
कारागार में बंद किया ।
जुल्मी अंग्रेजी शासन ने,
कैसे_कैसे दंड दिया ।।


फिर भी हर न माने बापू,
फिर भी हर न माने बापू,
फिर से कदम बढ़ाए वो,
दांडी यात्रा सफल बनाकर ,
अपना नमक बने वो ।।


देश चल पड़ा उनके पीछे,
सविनय अवज्ञा की , की शुरुआत।
कर बहिष्कृत आंगल वस्तु,
फिर अंग्रेजो को दी मात,
फिर अंग्रेजो को दी मात ।।


अंग्रेजो ने झूठ नीति से ,
फिर गाँधी जी को कैद किया ।
काले पानी सजा सुनाकर ,
उनको देश से दूर किया ।।


जो बापू ने आग लगाए,
धधक उठी वो ज्वाला था ।
चालीस करोड़ भारतवासी ने,
फिर से उन्हे निकाला था,
फिर से उन्हे निकाला था ।।


भारती आक्रोषित जनता,
गाँधी जी के पदचिन्ह चले ।
भारत छोड़ो आंदोलन में,
अंग्रेजो के धाख जले ।।


आया स्वर्णिम पल अगस्त का,
जो बापू का सपना था ।
मुक्त हुई अब भारतमाता,
मुक्त हुई अब भारतमाता,,,
रघुपति राघव जपना था ।।


शायद बापू के जीवन में,
और नही अब जीना था ।
दुष्ट गॉडसे ने गोली से,
दुष्ट गॉडसे ने गोली से , 
उनके प्राण को छीना था ।।

भारत माँ की आँचल ने,
वीर सपूत को खोया था ।
गाँधी जी अब स्वर्ग सिधारे,
गाँधी जी अब स्वर्ग सिधारे,
पूरा भारत रोया था ।।


खत्म हुई उस वीर की गाथा,
सत्य अहिंसा की हो जय ।
पंकज का करबद्ध निवेदन ,
बोलो गाँधी जी की जय,
बोलो गाँधी जी की जय,
बोलो गाँधी जी की जय।।।।


स्वरचित
"पंकज कुमार रामजी"

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