Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य माँ 103320 0 Hindi :: हिंदी
माँ ईश्वर के सूरत सायद माँ से मिलती है तभी तो बो भी आता है बार बार बारमबार धरती पे माँ को ढूढते ढूढते कभी देवकी पुत्रा कृष्ण तो कभी राम तो कभी यसोदा के नन्द लाल के माँ की रूप इतनी प्यारी भोली भाली जग से न्यारी करुणा के मूर्त दया के सागर माँ अति कृपालु माँ दया निधन है हे माँ जननी मैं जब भी धरती पे आउ तेरा आँचल तेरी गोद तेरी ही माँ दया हो मुझ पे