Ajeet 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य क्या तुमने कुछ कहा 11923 0 Hindi :: हिंदी
पहाड़ों से बहते नंगे पाँव झरनों की धारा धरा में फेलकर पोधों की कमलियों से सुनाती विस्मृत कहानी, क्या तुमने कुछ कहा रानी / झर - झर पड़ने की अब बरखा की बारी फूलों की मीठी सुगन्ध बह गई पानी सारी इन सब की यही रवानी, क्या तुमने कुछ कहा रानी / कण - कण में बिखरती रही सूरज की किरने टूटती रही अँधेरों की बंद प्याली सुनलों इन सब की वाणी, क्या तुमने कुछ कहा रानी /