मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक यह मानव तन जिसका अंत निश्चित है, इसी में वह अनंत अविनाशी तत्व भी विराजमान है। अर्थात सत्य स्वरूप ईश्वर! 86501 0 Hindi :: हिंदी
कृपा अनंत का यह तन, में अंत वा अनंत। चंद श्वासों का यह जीवन, श्वास में हीं अनंत। मोती-