Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य कोई धोखा तो नही 15576 0 Hindi :: हिंदी
तु जीद है मेरी की तुझे पा सकु अपने कल्पनाओं मे तुझे उडा सकु हर बक्त तु रहता है मुझ मे ही मैं एैसा क्या करू की तेरे दिल मे खुद को बसा सकु तु धिठ है इतना की समझता नही हर कोशिस कर के देख लिया प्यार जता के इश्क जगा के अब तो सोचता हूँ तु है भी या कोई धोखा तो नही यादें मिटा दूँ खाव ज़लादो लूटती है तो लूट जाने दो दुनियां मेरी छूटती है तो छूट जाने दो बुझती है तो बुझ जाने दो इश्क की जाहां मेरी अब भी ज़िन्दा है और तब भी रहेंगे नही रहेगा तो तेरी तनहाई परछाई बिखरता है तो बिखर जाने दो सीमटता है तो सीमट जाने दो मैं रहुंगा सदा सदा जब तक ज़िन्दा है तु तेरी ज़िगर मे दर्द बनके जी करता है तेरी तस्विर जला दू तेरी सारी यादें दिल से मिटा दू अभी कश्क बाकी है शायद कैसे तेरी हर बादे भूला दू