राणा प्रताप कुमार 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम 28623 0 Hindi :: हिंदी
नम्र आँखो से तेरी विदाई। तेरे शोक के लहरे छायी। भारत माँ के रक्षा करते हुए। तु अपना जान गवाये। मरते मरते तू मार गये। दुश्मन को तुम संघार गए। माता का ह्रदय रो रहा। पिता के आँखो में आँसू। धंय हो तु लाल मेरे। मेरे घर तु जंम लिए। बहना की राखी छुट गयी। भाई अब हमसे क्यो रूठ गये। भाई को अभी ना विश्वास था भाई के आने का आस था। पत्नी के चूड़ी टुट गयी। माथे का सिंदूर मिट गयी। आपके बिना हम कैसे जीये। बिच राह में मुझको छोड़ गये। मर के भी तू अमर हुआ। इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज हुआ। लेखक -राणा प्रताप कुमार आजमगढ़ उत्तर प्रदेश मो0न0-7347379048