मोती लाल साहु 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक अपनों के साथ बिताए हुए कुछ यादगार पल, इस तरह दिल में बसे हैं।अब वहीं जीने का सहारा है,जिंदगी के राह में कहीं टूट न जाए डरता हूं। 7561 0 Hindi :: हिंदी
गुजरे हुए पहरों की तसव्वुर, बसे हैं दिल में कहीं इस तरह। सहारा बना जीने का सफर, में डरता हूं कहीं टूट न जाए।। मोती-