Ranjana sharma 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद Google 71585 0 Hindi :: हिंदी
हम जिंदगी से चाहते हैं क्या? हमें जिंदगी से मिलता है क्या? कितने ही मोड़ आते हैं हमारी जिदंगी में उन परिस्थितियों में हमें मिलता है क्या? टूटते हैं कितने घर टूटते हैं कितने परिवार टूटते हैं कितने लोग उन सबको जुदाई और आसूं के सिवा मिलता है क्या? हम हंसते हैं दुनियां के सामने पर सच में होठों की हंसी मुस्कुराती है क्या? धन्यवाद