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परिवार

Irfan haaris 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक परिवार का मुखिया 10542 0 Hindi :: हिंदी

जब इन्सान परिवार का
एक हिस्सा होता है तो
ज़िन्दगी जीने की वजह
कुछ और होती है
जब इन्सान खुद परिवार का
मुखिया होता है तो
ज़िन्दगी जीने की 
ख़ास वजह होती है
पहले इन्सान जरुरतों और
जिम्मेदारी से बे परवाह
होता है
बाद में जरुरतें धीरे धीरे
इन्सान को मारतीं हैं
और जिम्मेदारी आखिरी
सांस तक इन्सान को 
जिन्दा रखती है

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