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योग के संग बने अभियोग

Pradeep Kumar Maurya 21 Jun 2023 कविताएँ अन्य Google, Duck Duck go, Yahoo, Bing, Chrome 5904 0 Hindi :: हिंदी

योग का ज्ञान जगाओ,
आत्मा को विश्राम दिलाओ।
दिल की शांति, मन की सुख,
योग के संग बने अभियोग।

आसन बिठाओ, मस्तिष्क को शांति दो,
शरीर को तंद्रा से मुक्त करो।
विचारों की लहरों को रोको,
अपने अंदर को खुदा समझो।

प्राणायाम के जादूगरी से,
मन को वश में रखो तुम।
श्वास-प्रश्वास में खो जाओ,
दुखों से मुक्ति का रहस्य चुम।

ध्यान की गहराई में जाओ,
चिंताओं का ताज उठाओ।
चित्त को शुद्ध और ताजगी से भरो,
आनंद और प्रेम की लहरों में खो जाओ।

योग निज रूप में आओ,
आपकी दिनचर्या में व्याप्त हो।
शरीर, मन, आत्मा का संगम हो जाए,
हमारी जीवन-प्रणाली को परिवर्तित करो।

योग दिवस पर यही संदेश है,
स्वस्थ और समृद्ध जीवन की भेंट है।
अपने आप को ताजगी से भरो,
योग का आदान-प्रदान करो।

योग से जीवन को सुंदरता मिले,
मन की शांति, आनंद का दिव्य परिचय हो।
योग से दुःखों का नाश हो,
आत्मा की उच

्चता की पहचान हो।

योग दिवस के शुभ अवसर पर,
योग का आदान-प्रदान हो।
स्वस्थ जीवन, सुखमय जीवन,
योग से सबको प्रगाढ़ वरदान हो।

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