संदीप कुमार सिंह 22 Jun 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6096 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) दुर्जन से दूरी भली, परम् सत्य यह बात। नहीं कभी दे साथ वह, करते हैं अघात।। दुर्जन से दूरी भली, ऐसा साथी लाज। नाम काम सब ही बुरे, खतरे में हो ताज।। दुर्जन से दूरी भली, सदा बिगाड़े काम। आफत में दे डाल वह, गंदा कर दे नाम।। दुर्जन से दूरी भली, बात करे बेकार। समय अनमोल व्यर्थ कर,करे दुष्ट प्रतिकार।। दुर्जन से दूरी भली, देगा असर खराब। देंगें अपने त्याग तब, रहते दुखी जनाब।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....