Bholenath sharma 17 Jul 2023 कविताएँ समाजिक तिरिया 10470 0 Hindi :: हिंदी
मृदुभाषिणी हो तुम श्रमजीवी अथक हो तुम । वैभव की देवी तुम सत्यनिष्ठ प्रवृत्ति की तुम । त्याग समर्पण की प्रतिमा तुम इस वसुन्धरा की जननी तुम । सहनशील धैर्यवान हो तुम त्रिलोक में महान हो तुम ।