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शाहिदो की कुर्बानी

Sanam kumari Shivani 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम 7641 0 Hindi :: हिंदी

में अमर शहीदो के कारण हूं
उनके गुण गाया करती हूं
जो कर्ज देश का खाती हूं
वो कर्ज चुकाया करती हु 
में अमर शहीद के कारण हूं
उनके गुण गाया करती हूं

यह सच है उनके जीवन में 
रंगीन बहारे आए थे
जीवन के हर स्वपन में
जीवन की खुशियां पाए थे
पर मां के आंखे का आंसू
रंगीन बहारे खो दिए
कांटे के रास्तों को वरण किए
रंगीन बहारे खो दिए

उनके धरती के वादे थे
लंबे चौड़े इरादे थे
मां के राजदुलारे वो
खून बहा के दिखा दिए
उन यादों को देख खून की
में बतलाया करती हु
में अमर शहीद के कारण हूं
उनके गुण गाया करती हूं

उन से ही मां का कोंख
 धन्य धन्य हो जाता हैं
उनको पाकर सारी मां 
खुंशियो से भर जाती हैं
उनका रक्त जहां भी गिरता 
वो ठोर तीर्थ कहलाते हैं
इसलिए देश का कर्तव्य
बना शहीदो का सम्मान करें
मस्तक देने वाले बीर पर
युग युग हम अभिमान करे

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